बीज आखिर अंकुरित होता क्यों है?

एक बीज, जो अंकुरित होने के ठीक पहले, न मिलने वाली शुद्ध हवा, सूर्यप्रकाश और अन्य सामग्रीओ को बीज अपने में मौजूद जीवित रासायनिक प्रक्रियाओ को जीवित रखने के लिए वह अपने अंग को फैलता है जिसे हम अंकुरित होना कहते है | इसीलिए अगर किसी भी बात का दुःख है या तो तकलीफ है तो जमीन में पड़े वह बीज की तरह अपने आप को फूलने फैलने की आजादी दे | सही मायनो में दुःख और दर्द ही अहम् कड़ी होती है हमारी खुदकी उत्क्रांति के लिए | रोइए मत और प्रकृति के द्वारा दिए गए अवसर का उपयोग करे | मान लीजिए अगर बीज में अंकुरित होने की हैसियत ही न होती तो वह वही जहा गिरा वह पर सड़ जाता |

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