इस देश का विद्यार्थी अब जग गया है
जो बोहोतो कि नींदे तो खराब कर रहे है और
साथसाथ अपनी पढ़ाई भी
रास्ते को बंद कर खुदके लिए रास्ता ढूंढने ने निकले है ये
अपनों के ही दामन में आग झोंकने चले है ये
बोहोत खूब होता अगर सामने न्याय के लिए होते
आदमी तो ढीक फ़रिश्ते भी साथ खड़े होते
बेहद सुकुन मिलता था अन्याय विरोधी कहेले जाने पर
फिर भले ही दुःख क्यों न हों कमीज़ के फ़टे जाने पर
सुना है अब तो मिलती है कीमत खड़े रहने पर
सब अपना अपना काम करे ये तो है ही कबूतर
जिसका काम है उड़ना और चरक करते दूसरे पर
#कमलम