हमने हर सुबह देखि है, हमने हर रात देखि है!


हमने हर सुबह देखि है हमने हर रात देखि है | - Kamal Bharakhda

हमने कोंग्रेस के साम्राज्य को चलते भी देखा है तो उनके भावि को ढलते भी देखा है |

हमने भाजपा को आगे बढ़ते देखा है तो उन्हें दाल रोटी के दाम पर जूझते भी देखा है |

हमने AAP को हिम्मत और द्रढ़निश्चय के आधार पर विजय के बाद भी टूटते देखा है |

हमने हर एक पक्षो के नेताओ द्वारा किए गए हर एक प्रयास देखा है |

हमने अभियान देखे है हमने रेलियाँ देखि है हमने नारे देखे है हमने दंगे देखे है हमने हत्याएं देखि है |

हमने किसी के आंखो मे देशके लिए आंसू देखे है तो किसी के आंखो मे पनामा बेंक के अकाउंट नंबरभी देखे है।

हमने रोटी के लिए किसी को रोता हुआ देखा है तो किसी को रोटी के लिए अपने जमीर को बेचते देखा है|

हमने रात रात भर पढाई करके देखा है और हमने किसी के भतीजो और भांझो को नौकरी लगते देखा है |

हमने हमारी संस्क्रुति को महान सुनते देखा है और हमने जातिवाद, धर्मकी राजनीति से झुझते भी देखा है |

अरे बुढाऊ, हम कोमन में है, कोमन मेंन! हमने हर सुबह देखि है हमने हर रात देखि है |

हमने ये भी देखा है हमने वो भी देखा है पर दुविधा सिर्फ इतनी है की हमने यह और वोह सिर्फ “देखा” ही है |

अब सिर्फ एक ही तमन्ना बाकी रह जाती है की,

हमारे हर दिन देश के लिए समर्पित हो और हमारी हर रात देश के लिए समर्पित हो | “

- कमल भरखड़ा

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